गायक सोनू निगम ने सिडनी ओपेरा हाउस में लगातार दो शो करके इतिहास रच दिया है। वह ऐसा करने वाले पहले एकल संगीतकार बन गए हैं। प्रतिष्ठित स्थल पर लगभग आठ घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद, सोनू निगम ने ऑस्ट्रेलिया में HT सिटी से विशेष बातचीत की।
सोनू निगम ने अपनी इस उपलब्धि के बारे में कहा, “10 जून को जो हुआ, उसे मैं अभी भी समझ नहीं पा रहा हूँ। यह मेरे लिए एक बहुत बड़ा परिवर्तन है। ऐसा लगता है जैसे मेरे भीतर कुछ बदल गया हो। “उन्होंने इसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों में वर्णित समुद्र मंथन की प्रक्रिया से तुलना की। “यह भागवत और विष्णु पुराण में वर्णित समुद्र मंथन जैसा था,” उन्होंने कहा।सोनू निगम को पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है, और इस नई उपलब्धि ने उनके करियर में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर जोड़ दिया है।
उन्होंने बताया कि सिडनी ओपेरा हाउस में प्रदर्शन करना हमेशा से उनका सपना रहा है, लेकिन उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वे यहाँ इतिहास रच देंगे। सोनू निगम ने अपने प्रशंसकों और टीम को भी धन्यवाद दिया, जिनके सहयोग और समर्थन के बिना यह संभव नहीं हो पाता।उनका मानना है कि यह सफलता केवल उनकी नहीं, बल्कि उन सभी लोगों की है जिन्होंने उनके साथ इस यात्रा में सहयोग किया।
सोनू निगम की यह उपलब्धि भारतीय संगीत जगत के लिए गर्व का विषय है, और उनके प्रशंसकों के लिए एक प्रेरणादायक कहानी। सिडनी ओपेरा हाउस में उनकी प्रस्तुति ने न केवल उनकी प्रतिभा को साबित किया, बल्कि उनकी अद्वितीय संगीत यात्रा को भी एक नया आयाम दिया।
बड़े दिन के लिए तैयार होने के लिए काफी तैयारी की जरूरत थी। सोनू निगम बताते हैं, “इसमें बहुत सारी मानसिक और आध्यात्मिक पुष्टि शामिल थी। मुझे पता था कि शाम के दर्शकों ने चार दिनों में शो को हाउसफुल कर दिया था, जिसके कारण दोपहर का शो शेड्यूल करना पड़ा। इसलिए, मुझे यह सुनिश्चित करना था कि शाम के दर्शकों को 1% भी कम नहीं मिले। साथ ही, दोपहर के दर्शकों को भी पूरा सोनू निगम मिलना चाहिए जिसके लिए वे आए थे।
इसलिए, मुझे दोनों शो में अपना 200% देना था। शो से कुछ दिन पहले मैंने बात करना और बाहर जाना बंद कर दिया। मैंने सामान्य रूप से वर्कआउट किया, अच्छी नींद ली और प्रार्थना में रहा। और मैंने खुद को समर्पित कर दिया। पहला शो सपने जैसा चला। दूसरे शो से पहले, मुझे पहले कॉन्सर्ट की किसी भी खुशी या उत्साह को मिटाना पड़ा। मुझे अपने भावनात्मक ग्राफ को संतुलित रखने के लिए लगभग 90 मिनट में खुद को फिर से शून्य पर लाना पड़ा।
सोनू निगम ने बताया कि इस तैयारी में उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति का विशेष ध्यान रखा गया। उन्होंने नियमित व्यायाम किया, समय पर सोए और प्रार्थना में समय बिताया। उनका मानना है कि प्रार्थना और ध्यान ने उन्हें स्थिर और केंद्रित रहने में मदद की।पहले शो के सफल होने के बाद, उन्होंने दूसरे शो के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने पहले शो के उत्साह को नियंत्रित करके दूसरे शो के लिए खुद को नए सिरे से तैयार किया।
सोनू निगम का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया में सबसे बड़ी चुनौती थी अपने मानसिक और भावनात्मक संतुलन को बनाए रखना।उन्होंने अपने दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हर संभव प्रयास किया। शो के दौरान उन्होंने अपनी पूरी ऊर्जा और समर्पण दोनों शो में झोंक दी।यहां तक कि उन्होंने शो से पहले सामाजिक संपर्क भी सीमित कर दिया ताकि वे पूरी तरह से अपनी प्रस्तुतियों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
सोनू निगम की यह तैयारी और समर्पण उनकी सफलता की कुंजी थी, जिसने उन्हें इस ऐतिहासिक उपलब्धि तक पहुंचाया। उनकी इस मेहनत और लगन से हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी बड़े लक्ष्य को पाने के लिए पूरी तैयारी और समर्पण कितना महत्वपूर्ण है।सोनू निगम की यह कहानी न केवल संगीत जगत के लिए, बल्कि सभी के लिए प्रेरणादायक है।
सिडनी ओपेरा हाउस में सोनू निगम को मिला अद्वितीय स्टैंडिंग ओवेशन: "मैं अपनी आंखों के आंसू मुश्किल से रोक पाया"
गायक सोनू निगम को दोनों शो के दौरान कई बार स्टैंडिंग ओवेशन मिला, जिससे वह अभिभूत हो गए क्योंकि सिडनी ओपेरा हाउस में ऐसा अक्सर नहीं होता। जब उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “ओपेरा हाउस आमतौर पर बहुत औपचारिक स्थल होते हैं, विशेष रूप से विश्व-स्तरीय स्थल जैसे सिडनी ओपेरा हाउस। लोग एक निश्चित मात्रा में शिष्टाचार का पालन करते हैं, जो उन्होंने मेरे दोनों कॉन्सर्ट में अधिकांश समय किया। लेकिन कुछ गाने और कुछ क्षण ऐसे थे, जिन्होंने उन्हें खड़े होकर तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। मैं अपनी आंखों के आंसू मुश्किल से रोक पाया।”
सोनू निगम ने बताया कि यह अनुभव उनके लिए बेहद भावुक और अद्वितीय था। उन्होंने कहा कि आमतौर पर ऐसे स्थलों पर दर्शक बहुत ही सलीके से पेश आते हैं, लेकिन उनके संगीत ने लोगों को इतना प्रभावित किया कि वे अपनी जगह से खड़े होकर उनकी प्रशंसा करने लगे।उनके अनुसार, यह केवल उनके गानों का जादू नहीं था, बल्कि उन खास पलों का असर था जो उनके संगीत और प्रदर्शन से जुड़े थे।
सोनू निगम ने यह भी साझा किया कि इन स्टैंडिंग ओवेशन के दौरान वह अपनी भावनाओं को काबू में नहीं रख पाए। यह उनके लिए एक अविस्मरणीय क्षण था, जिसने उनके दिल को गहराई से छू लिया। यह अनुभव दर्शाता है कि जब कलाकार अपने पूरे दिल और आत्मा के साथ प्रदर्शन करता है, तो वह दर्शकों के दिलों को भी उसी गहराई से छूता है।सिडनी ओपेरा हाउस में मिली इस प्रतिक्रिया ने न केवल सोनू निगम के लिए, बल्कि भारतीय संगीत के लिए भी एक गर्व का क्षण प्रस्तुत किया।
संयोग से, सोनू निगम और सिडनी ओपेरा हाउस दोनों ही 50 साल के हैं। जब सोनू निगम पहली बार साउंडचेक के लिए मंच पर पहुंचे और सिडनी ओपेरा हाउस को देखा, तो उन्होंने उस पल को याद करते हुए कहा, “मैं बस वहाँ खड़ा रहा, प्रशंसा और विनम्रता के साथ। पिछले पाँच दशकों में कई महान संगीतकार और कलाकारों ने इस मंच को धन्य किया है। साउंड टेस्ट से पहले, मैंने माइक के बिना कुछ पंक्तियाँ गाने का निर्णय लिया (उन्होंने ‘कल हो ना हो’ गाया) ताकि सिडनी ओपेरा हाउस की विश्व-स्तरीय ध्वनिकी का आनंद ले सकूँ। यह अनुभव बहुत जीवंत था।”
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Hello
One of the Best Stage Performance at the Opera House SYDNEY. Congratulations Sonu Nigam 🌸🏵
My favorite singer
Great 👍👍👍
Woow🔥🔥
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Woww one of my fev. Singer🥰
Wahh🎊👌
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